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सीधी जिले के युवा डॉ विनोद साहू का भारत सरकार के विज्ञानं एवं प्रद्योगिकी मंत्रालय के DST STI 2024 पोस्ट डॉक्टरेट शोध अनुसन्धान प्रोग्राम में हुआ चयन

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खबर आज तक-  सीधी  सीधी जिले के युवा डॉ. विनोद साहू का भारत सरकार के विज्ञानं एवं प्रद्योगिकी मंत्रालय के  DST  STI  2024  पोस्ट डॉक्टरेट शोध अनुसन्धान प्रोग्राम में हुआ चयन डॉ.   विनोद कुमार साहू पिता श्री ललोहर प्रसाद साहू  ( सहायक राजस्व   निरीक्षक नगर पालिका)    जिला सीधी के निवासी है , जिनकी प्रारंभिक इंटरमीडिएट शिक्षा शासकीय   स्कूल ऑफ़ एक्सीलेंस   क्रमांक 1 सीधी कृषि विषय   से पूरी हुई , एवं बीएससी कृषि एवं एमएससी कृषि जैव प्रद्योगिकी ग्वालियर से शोध कार्य पूरा किया तथा डॉक्टरेट   शिक्षा   शोध कार्य   जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्व विद्यालय जबलपुर से पूर्ण किया। तथा वर्तमान में उद्योग निदेशालय , देहरादून   गवर्नमेंट उत्तराखण्ड, में कृषि   परामर्शदाता ( रिलेशनसिप   मैनेजर ) के रूप में कार्य कर रहे है।   डॉ. विनोद साहू   कृषि पढाई के दौरान   से   ही कृषि क्षेत्रो एवं प्रद्योगिकी नवाचार एवं बौद्धिक क्षमता के   क्षेत्र में   उपलब्धियां हासिल करते आये है , जिसमे रिसर्च के लिए 2019 में पहली बार   स्पेन

अब गर्मियों में खेती करना हुआ आसान वो भी बिना लाखो खर्च करके बिना पॉलीहाउस, मल्चिंग, नेट हाउस , ग्रीन नेट, टनल फार्मिंग आदि खर्चीली तकनीक के बिना।

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  नमस्कार किसान भाइयो  अब गर्मियों में खेती करना हुआ आसान वो भी बिना लाखो खर्च करके  बिना पॉलीहाउस, मल्चिंग, नेट हाउस , ग्रीन नेट,  टनल फार्मिंग आदि खर्चीली तकनीक के बिना।  कमाईये लाखो वो भी गर्मी में खेती करके।    परती भूमि में  गर्मी के समय  महाराष्ट्र के किसान के यहां फील्ड ट्रायल  कौन कौन से फसल ली जा सकती है  गर्मियो में सबसे ज्यादा आय वाली फसले - टमाटर, लौकी, करेला, मिर्च  कद्दूवर्गीय फसल  जैसे  खीरा  ककड़ी, तरबूज, खरबूज, गोभी, बैगन आदि .  फूलो वाली फसल जैसे - ग्लैडिओलस, कार्नेसन, कटफ्लावर्स आदि भी लगा सकते है  जानिए क्यों अमब्रोनिक्स पॉट है बेहतर अन्य तकनीक से  1- छोटे एवं मध्यम  किसानो के पास 40 से 50  लाख रुपये पॉलीहाउस , नेट हाउस  लगाने की असुबिधा रहती है , लागत ज्यादा होने  पर छोटे  किसान इन कण्ट्रोल एरिया में खेती नहीं कर  पाते।  2- गर्मियों में पानी एवं बिजली में  अधिक  खर्च नहीं कर पाते  3- छोटे - मध्यम किसान गर्मियों में लागत और मेहनत  अधिक होने पर गर्मियों में  जमीन खाली, परती छोड़ देते है।  अमब्रोनिक्स पॉट क्यों जरुरी है।  1-  किसानो को प्रोत्साहन के लिए  प्रति  एकड़ अलग

जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्व विद्यालय जबलपुर एवं राजमाता विजयाराजे सिंदिया कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर में शोधार्थी के लिए अकादमिक कौंसिल में परिवर्तन हेतु सुझाव।

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  जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्व विद्यालय जबलपुर एवं राजमाता विजयाराजे सिंदिया कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर  में शोधार्थी  के लिए अकादमिक कौंसिल में परिवर्तन हेतु सुझाव।  १- पीएचडी शोधार्थी के लिए विश्वविद्यालय स्तर पर चयनित होने पर मासिक - शोध छात्रवृत्ति  २-  पीएचडी शोधार्थियों के  शोध,  प्री थीसिस सब्मिसन (प्रारंभिक मूल्यांकन थीसिस- शोध ) हार्ड कॉपी की जगह सॉफ्ट कॉपी सब्मिसन।  तर्क -  १- अन्य तकनीकी  विश्वविद्यालय जैसे इंदिरागांधी कृषि  विश्व विद्यालय, JNU,  HAU  हिसार, आदी  यूनिवर्सिटी रिसर्च बजट के अंतर्गत मासिक रिसर्च छात्रवृत्ति  प्रदान कर रहे है जिससे शोध को बढ़ावा और छात्रों को आर्थिक सहयोग देकर उन्हें शोध और अपने अनुसन्धान और विस्तार क्षेत्र को मजबूती प्रदान कर रहे है।  २- एक तरफ हम टेक्निकल एजुकेशन को मजबूत करने की बात कर रहे है वही शोध पत्र, फाइनल थीसिस जमा करने पूर्व, प्री थीसिस के मूल्यांकन हेतु और उसमे गलतिया होने पर उन पेज का उपयोग नहीं हो पता, हजारो छात्र थीसिस सबमिट करते है, और गलतियों को सुधारते  है, पर इसकी बजह से कितने सारे हरे भरे वृक्षों को काट के ये कागज  तैयार किये जा

UNDP Solved Award Winner 2021

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 https://drive.google.com/file/d/199fJKTefIRfQphSx8bfyE4GS9kzfZ_q2/view?usp=sharing

सीधी जिले के मझोली ब्लॉक के चंदोहिड़ोल में , लक्ष्मी स्वसहायता समूह द्वारा औसधिय खेती से दुगनी आय के लिए किया जा रहा निशुल्क अश्वगंधा बीज वितरण

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कहानी सच्ची है, जिले के मझोली ब्लॉक चंदोहिड़ोल के लक्ष्मी स्वसहायता समूह द्वारा अपनी  आजीविका   के लिए निरंतर अनेक अलग अलग प्रयास कर रहे है, प्रगति संस्था जबलपुर, RCFC जबलपुर के सहयोग से जिले में महिला सदस्यों द्वारा औषधीय फसल अश्वगंधा की खेती के लिए किसानो को बढ़ावा देने के लिए, बीज उत्पादन कर गाँव के किसानो को सहयोग और जागरूक करने के लिए निशुल्क बीज की पैकेजिंग कर के किसानो को बांटा जा रहा है , जिससे किसान भाई इसकी लागत, खेती के तरीके, बाजार भाव से अवगत हो और आने वाले समय में, बड़े पैंमाने में खेती कर जिले का नाम रोशन करे, जिसमे लक्ष्मी समूह द्वारा पिछले वर्ष अश्वगंधा की खेती की गयी और बीज की कलेक्शन  प्रगति संस्था के मार्गदर्शन में किया गया और उसे  साफ बीजो का उपचार का कर के पैकेजिंग किया जा रहा है, और उसे ग्रामीण जन तक पहुंचाया जा रहा है , जो बहुत की सराहनीय कार्य है और इन्हे और शासन  के योजनाओं से अगर जोड़ा जाये तो जिले में बहुत कुछ परिवर्तन खेती के आयाम में आ सकता है, समय में अश्वगंधा की बहुत मांग है इस कोरोना कॉल में अश्वगंधा का उपयोग रामबाण साबित रहा और जिन किसानो ने खेती किया उससे

सीधी जिले के मझोली ब्लॉक स्व सहायता लक्ष्मी समूह द्वारा कोरोना से बचाव के लिए गिलोय चूर्ण का किया जा रहा वितरण

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 अभिनव पहल  आत्मनिर्भर भारत का सपना अब गांव गांव तक साकार हो रहा रहा , जिले में मझोली ब्लॉक चंदोहीदोल में लक्ष्मी स्व सहायता  समूह एक जुट होकर  औसधिय पौध गिलोय का घरो की बडियो में किया जा रहा रोपण , और वही दूसरी तरफ गिलोय के तनो का आस पैसा के क्षेत्रो से एकत्रित कर के  गिलोय का चूर्ण बना के लोगो को कोरोना से बचने के लिए गिलोय के सेवन पर किया जा रहा जागरूक। जो बहुत ही सराहनीय है, एक तरफ आसपस के क्षेत्रो में औसधिय विकास भी होगा और दूसरी और इन औसधिय पोधो के सेवन से लोग स्वस्थ भी रहेंगे।  गिलोय के फायदे  जिसमे गिलोय के पौध को घरो के बडियो में लगा कर दैनिक औसधिय के रूप में सेवन करने से डेंगू ,बुखार , पीलिया , रक्तविकार, डायबिटीज अन्य रोगो से लड़ने की रोगप्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है और   शारीरिक कमजोरी , तनाव, मानसिक विकार अनेक आंतरिक रोगो से लड़ने से ताकत मिलती है , वही दूसरी ओर इसके सेवन के साथ  साथ  इनकी खेती  करके  दुगना लाभ कमाया जा सकता है ,जिसमे  सामान्य तोर पे गेंहू , धान  से १ एकड़ से २५ से ३० हजार मिलता है वही दूसरी ओर औसधिय खेती से अतिरिक्त आय भी होती है।   इन्हे अगर  शासन से प्रो

जिले में प्रगति संस्था द्वारा राम मंदिर में किया गया वृक्षारोपण

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अभिनव - पहल सीधी  प्रगति संस्था द्वारा पर्यावरण संरक्षण "वृक्षारोपण " कार्यक्रम  बुधवार 02/06/2021  को  राममंदिर, डेम्हा में  किया गया , वृक्षारोपण  महोत्सव   में  संस्था के  अध्यक्ष - विनोद साहू , संस्था के कार्यकारिणी ब्लॉक कोर्डिनेटर  , शिवम्  मिश्रा एवं नीलेश तिवारी  के द्वारा लक्ष्य को पूरा किया गया।   प्रगति संस्था के इस वृक्षारोपण कार्यक्रम  का मुख्य उद्देस्य सीधी  जिले में मोजूद आसपास के  धार्मिक स्थलों और  पास के शहरी क्षेत्रो में 1000 फलदार और औसधिय वृक्षो  को रोपित करने का लक्ष्य  है , जिसमे संस्था द्वारा PC  नर्सरी के सहयोग से चुन्हा ग्राम , वनदेवी मंदिर रामगढ , में रोपण कार्य किया जा  चूका  है,   जिससे  इन पेड़ो से मिलने वाली  मुफ्त शुद्ध हवा और वातावरण को तरोताजा करती रहे , और इन औसधिय पोधो के गुणों से परिचित हो। सीधी जिले  की संस्कृति एवं सभ्यता वनों में ही पल्लवित तथा विकसित हुई है, और यह एक तरह से मानव का जीवन सहचर है . वृक्षारोपण से प्रकृति का संतुलन बना रहता है वृक्ष अगर ना हो तो सरोवर (नदियां )में ना ही जल से भरी रहेंगी और ना ही सरिता ही कल कल ध्वनि से प्रभ