Posts

Showing posts from June, 2021

सीधी जिले के मझोली ब्लॉक स्व सहायता लक्ष्मी समूह द्वारा कोरोना से बचाव के लिए गिलोय चूर्ण का किया जा रहा वितरण

Image
 अभिनव पहल  आत्मनिर्भर भारत का सपना अब गांव गांव तक साकार हो रहा रहा , जिले में मझोली ब्लॉक चंदोहीदोल में लक्ष्मी स्व सहायता  समूह एक जुट होकर  औसधिय पौध गिलोय का घरो की बडियो में किया जा रहा रोपण , और वही दूसरी तरफ गिलोय के तनो का आस पैसा के क्षेत्रो से एकत्रित कर के  गिलोय का चूर्ण बना के लोगो को कोरोना से बचने के लिए गिलोय के सेवन पर किया जा रहा जागरूक। जो बहुत ही सराहनीय है, एक तरफ आसपस के क्षेत्रो में औसधिय विकास भी होगा और दूसरी और इन औसधिय पोधो के सेवन से लोग स्वस्थ भी रहेंगे।  गिलोय के फायदे  जिसमे गिलोय के पौध को घरो के बडियो में लगा कर दैनिक औसधिय के रूप में सेवन करने से डेंगू ,बुखार , पीलिया , रक्तविकार, डायबिटीज अन्य रोगो से लड़ने की रोगप्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है और   शारीरिक कमजोरी , तनाव, मानसिक विकार अनेक आंतरिक रोगो से लड़ने से ताकत मिलती है , वही दूसरी ओर इसके सेवन के साथ  साथ  इनकी खेती  करके  दुगना लाभ कमाया जा सकता है ,जिसमे  सामान्य तोर पे गेंहू , धान  से १ एकड़ से २५ से ३० हजार मिलता है वही दूसरी ओर औसधिय खेती से अतिरिक्त आय भी होती है।   इन्हे अगर  शासन से प्रो

जिले में प्रगति संस्था द्वारा राम मंदिर में किया गया वृक्षारोपण

Image
अभिनव - पहल सीधी  प्रगति संस्था द्वारा पर्यावरण संरक्षण "वृक्षारोपण " कार्यक्रम  बुधवार 02/06/2021  को  राममंदिर, डेम्हा में  किया गया , वृक्षारोपण  महोत्सव   में  संस्था के  अध्यक्ष - विनोद साहू , संस्था के कार्यकारिणी ब्लॉक कोर्डिनेटर  , शिवम्  मिश्रा एवं नीलेश तिवारी  के द्वारा लक्ष्य को पूरा किया गया।   प्रगति संस्था के इस वृक्षारोपण कार्यक्रम  का मुख्य उद्देस्य सीधी  जिले में मोजूद आसपास के  धार्मिक स्थलों और  पास के शहरी क्षेत्रो में 1000 फलदार और औसधिय वृक्षो  को रोपित करने का लक्ष्य  है , जिसमे संस्था द्वारा PC  नर्सरी के सहयोग से चुन्हा ग्राम , वनदेवी मंदिर रामगढ , में रोपण कार्य किया जा  चूका  है,   जिससे  इन पेड़ो से मिलने वाली  मुफ्त शुद्ध हवा और वातावरण को तरोताजा करती रहे , और इन औसधिय पोधो के गुणों से परिचित हो। सीधी जिले  की संस्कृति एवं सभ्यता वनों में ही पल्लवित तथा विकसित हुई है, और यह एक तरह से मानव का जीवन सहचर है . वृक्षारोपण से प्रकृति का संतुलन बना रहता है वृक्ष अगर ना हो तो सरोवर (नदियां )में ना ही जल से भरी रहेंगी और ना ही सरिता ही कल कल ध्वनि से प्रभ