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Showing posts from April, 2020

समिति संचालकों द्वारा खराब गेंहू को जबर्दस्ती DMO से पास करवाया जा रहा है

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सौजन्य- कृषि जागरण पत्रीका  आगर मालवा  मे इस वर्ष 2020 गेंहू खरीदी का कार्य DMO  आगर मालवा  ,के तत्वावधान मे लगभग 20 खरीदी केंद्र चुने गये है, तथा साथ हाय साथ 10 वेयरहाउस के साथ -साथ खरीदी केंद्र जिले के कलेक्टर द्वारा  स्थापित किया गया है, जिससे खरीदी केन्द्र मे किसान , वे अपनी फसल इन केन्द्रों मे बेच सकते है,  ओर इस समिति केन्द्रो मे वेयरहाउस कॉर्पोरेशन भोपाल द्वारा अनाज  की क्वालिटी की जांच के लिये सर्वेयर की नियुक्ति की गयी है जो ये सर्वेयर बीएससी एग्रीकल्चर से स्नातक हो उनका चयन किया जाता है। ओर ये सर्वेयर अनाज की गुणवत्ता उचित पैमाने पर होने पर ही पोर्टल मे ऑनलाइन पास  किया जाता है पर इन सब नियमो की धज्जिया DMO ऑफ़िस के अधिकारी ही उड़ा  रहे है, गौरतलब यह है की कल आगर मालवा  के सर्वेयरो ने कलेक्टर को अपना ज्ञापन सौपा है ओर कुछ सबूत भी DMO के खिलाफ दिया है, जिसमे यह कहा गया  की समिति प्रबंधक जबर्दस्ती सर्वेयर पर दबाब बनाया  जाता है ओर अगर सर्वेयर से नही बन पाति तो DMO से दबाब बनाने  की कोशिश की जाती है,  कलेक्टर जी ने इस खबर के तूल पकड़ने पर संज्ञान  मे लिया है, ओर उक्त DMO

Medicinal Farming

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निर्मली के हैं ढेर सारे फायदे

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आ प सभी ने निर्मली वृक्ष (Nirmali Tree) का नाम बहुत बार सुना होगा। प्रायः निर्मली की बीज को पंसारी के दुकानों पर देखा होगा। कई स्थानों पर निर्मली के वृक्ष या फल का उपयोग धार्मिक कार्यों के लिए भी किया जाता है वहीं कुछ लोग निर्मली के बीजों (Nirmali seeds) का प्रयोग पानी को साफ करने के लिए भी करते हैं। ऐसा भी देखा गया है कि निर्मली की लकड़ियों को जलाकर लोग अपने घरों को शुद्ध करने की कोशिश करते हैं। आमतौर पर लोग निर्मली का प्रयोग  इन्हीं कामों के लिए करते हैं, लेकिन निर्मली के उपयोग से संबंधित सच सिर्फ इतना ही नहीं है।  आयुर्वेदिक ग्रंथों में निर्मली के प्रयोग से जुड़ी कई बेहतरीन बातें बताई गई हैं। इनमें आपके लिए सबसे काम की बात यह है कि निर्मली कई रोगों के इलाज में फायदेमंद है। निर्मली का प्रयोग अत्यधिक प्यास लगने की समस्या, आंखों की बीमारी, मूत्र रोग में फायदेमंद होता है। निर्मली पेट में कीड़े होने पर, पेट में दर्द होने पर, पथरी की समस्या हो या सर्दी-जुकाम की परेशानी, सभी में निर्मली बहुत फायदेमंद होता है। इसके अलावा आप निर्मली (strychnos potatorum) का इस्तेमाल पीलिया, सि

फसलों की कटाई के बाद ,अनाज को सुरक्षित कैसे करे

भंडारण के लिए तैयार करें लकड़ी और तख्ते का मंच अनाज से भरे बोरे को भण्डार गृह में रखने के लिए फर्श से 20 से 25 सेमी की ऊंचाई पर बांस या लकड़ी के तख्ते का मंच तैयार करना चाहिए, जो दीवार से कम-से-कम 75 सेमी की दूरी पर हो। बोरियों के छल्लियों के बीच भी 75 सेमी खाली स्थान रखना फायदेमंद होता है। गोदाम में पक्षियों एवं चूहों के आने-जाने के रास्ते को बंद कर देना चाहिए।  अनाजों व दालों का भंडारण  कुछ पारंपरिक अन्न भंडारण के तरीके जैसे आनाजों व दालों के कड़वा तेल लगाना, राख मिलाना, नीम, लहसुन व करंज के पत्ते कोठी में बिछाना, सूखे हुए लहसुन के डंठल रखना आदि। अनुसंधानों द्वारा यह पाया गया कि परंपरागत तरीके से आनाज व दालों में 10-20 प्रतिशत तक राख मिलाने से वो ख़राब नहीं होते पर आवश्यक है कि राख को छानकर व सुखा कर ही डाला जाय। राख की रगड़ खाकर कीड़े मर जाते और दानों के बीच की जगह जहां हवा हो सकती है, वहां राख आ जाने से हवा नहीं रहती। इस प्रकार राख मिलाना लाभप्रद होता है।  भंडारण करने से पहले यह सावधानियां  जरूरी अनाज भरे बोरे को छल्लियों या अन्न के ढेर को प्रधूमित करने के लिए एल्मुनियम फॉस्फाइड का पा

Nutritional quality and health benefits of chickpea ( Cicer arietinum L.): a review

Chickpea (Cicer arietinum L.), also called garbanzo bean or Bengal gram, is an Old-World pulse and one of the seven Neolithic founder crops in the Fertile Crescent of the Near East(1). Currently, chickpea is grown in over fifty countries across the Indian subcontinent, North Africa, the Middle East, southern Europe, the Americas and Australia. Globally, chickpea is the third most important pulse crop in production, next to dry beans and field peas(2). During 2006–9, the global chickpea production area was about 11·3 million ha, with a production of 9·6 million metric tonnes and an average yield of 849kg/ha(2). India is the largest chickpea-producing country with an average production of 6·38 million metric tonnes during 2006–9, accounting for 66% of global chickpea production(2). The other major chickpea-producing countries include Pakistan, Turkey, Australia, Myanmar, Ethiopia, Iran, Mexico, Canada and the USA. There are two distinct types of cultivated chickpea: Desi and Kabuli. The

पौड़ी ग्राम का कोरोना से निपटने के लिए अग्रिम पहल

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सीधी जिले के कुसमी विकासखंड के अंतर्गत पौड़ी बस्तुआ ग्राम पंचायत में इस करोना महामारी में मास्क , साबुन का  १००% वितरण किया गया एवं जरूरत मंद परिवार को ग्राम पंचायत एवं प्रगति फाउंडेशन के वालिंटियर के सहयोग से राशन एवं ग्रामीणों के जन सहयोग से पैसों का भी वितरण किया गया तथा ग्रामीणों को  सोशल डिस्टेंसिंग  की भी जानकारी से अवगत कराया गया, जिसमें ग्राम पंचायत के सहायक सचिव शिवम सिंह सोमवंशी ,पोड़ी हल्का पटवारी राजीव सिंह , PDS विक्रेता सुनील कुमार गुप्ता ,ददन शुक्ला  , एवं प्रगति फाउंडेशन के शिवेंद्र सिंह गहरवार  अपनी अहम  भूमिका इस महामारी से निपटने के लिए निभाई ।  साथ ही साथ ग्राम पंचायत के नियमो के तहत   बहार से आने वाले मजदूर भाइयो का बिधिवत रूप से ग्राम पंचायत के द्वारा उनका हॉस्पिटल में चेक कराया गया ,उसके बाद ही ग्राम में प्रवेश दिया गया ,इस तरह की अनूठी पहल के लिए ग्राम पंचायत का योगदान बहुत ही सराहनीय है।  और कोरोना जैसी महामारी से पूर्ण रूप से सुरक्षित है, और आने वाले समय में ऐसे ही नियम का पालन ग्राम पंचायत के अंतर्गत सभी कर्मचारी और ग्रामवासी अपना सहयोग करने के लिए तत्पर

कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के उपाय

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कोरोना वायरस का संक्रमण दुनिया भर में तेजी से फैल रहा है. पूरी दुनिया में इसे लेकर पैनिक की स्थिति देखने को मिल रही है. हर दिन हज़ारों नए मामले सामने आ रहे हैं जबकि सैकड़ों लोगों की मौत हो रही है. दुनिया भर के कई शहरों और पूरे देश में लॉकडाउन की स्थिति देखने को मिल रही है. दुनिया भर में हवाई उड़ानें, अंतरराष्ट्रीय इवेंट और सालाना जलसे रद्द किए जा रहे हैं. यूरोप इस बीमारी का नया केंद्र बनकर उभरा है जबकि लैटिन अमरीका, अमरीका और मध्य पूर्व के देशों में संक्रमण फैलने की दर प्रतिदिन बढ़ रही है. 24 मार्च तक कोरोना वायरस के संक्रमण से 16,700 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 3,87,000 से ज्यादा संक्रमण देखने को मिले हैं. संक्रमण पर अंकुश हालांकि कुछ देश इस वायरस के संक्रमण के प्रसार पर अंकुश लगा पाने में कामयाब रहे हैं. अजीब संयोग यह है कि ये वैसे देश हैं जो भौगोलिक तौर पर चीन से नजदीक स्थित एशियाई देश हैं. इस वायरस की शुरुआत चीन से ही हुई थी. लेकिन चीन के पड़ोसी देश इस वायरस के संक्रमण पर अंकुश लगाने में कामयाब दिख रहे हैं. जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी में महामारी रोगो

MEDICINAL USE OF LATJEERA

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                                                    https://youtu.be/bvWnx29AeL0

Pragati Foundation

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This NGO was established by Vinod kumar sahu in 2017 at Gwalior Madhya Pradesh , and it works for the development of rural areas of Madhya Pradesh . The mission of the NGO is all inclusive development by working at grass root level and employing sustainable technologies and information with regard to healthcare, education and agriculture. Promotion of organic farming , skill development in rural people for self employment ,this society stress broader issue of poverty reduction and improvement in the quality of rural life especially for the poorest tribal belt ,SC,ST, person most vulnerable   Efficient use of natural resources and environment with special emphasis on empowerment of women, children and welfare of ex-servicemen and widows. Its vision is to improve the quality of rural population by sustainable development at grass root level and the values that it leverages on is honesty, integrity, innovation, sincerity and hard work. We at PRAGATI  FOUNDATION are devoted and dedicated