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Showing posts from September, 2020

सीधी जिले के मड़वास (चंदोहिड़ोल ) उद्यान अधीक्षक रबी भदौरिया जी की सराहनीय पहल ,

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  अभिनव पहल  सीधी - चंदोहिड़ोल ग्राम  प्रगति संस्था द्वारा कृषि क्षेत्र में अभिनव पहल कार्यक्रम के तहत अलग अलग , कृषि विभाग और उद्यानिकी विभाग के अधिकारियो से किसानो की समस्याओं के जानकारी के लिए शुरू किया गया है , जिससे उनके द्वारा किये गए कार्यो को लोगो तक पहुंचाया जाए जिससे सभी किसान इन सब जानकारियों से अवगत हो और जिसमे जमीनी लेवल पर  किसानो को उनकी समस्याओ के आधार पर उनका समाधान हो एवं आजीविका के साथ साथ दोगुना मुनाफा हो।   उद्यानिकी अधीक्षक श्री रवि सिंह भदौरिया जी ने  किसानो की असली समस्याओं के बारे में  प्रगति संस्था प्रमुख विनोद साहू जी  से साझा किया , खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए , किसानो को  खेती की ट्रेनिंग के साथ - साथ अगर उन्हें प्रसंस्करण जैम , जेली , प्यूरी , टोमेटो केचप,  ऐसे क्षेत्रो से जोड़ा जाए तो किसान को मुनाफा ज्यादा होगा , और उन्हें बाजार उपलब्धता  मिले तो किसान को दोगुना फ़ायदा होगा और वो खेती की और अग्रसर होगा।   उद्यानिकी विभाग द्वारा किसानो को  फलोद्यान योजना के तहत उनकी आजीविका को दुगना करने के लिए पौधे सभी ग्राम में भेजे गए है , और उनकी समस्याओं को कृषि तक

प्रगतशील विदिशा जिले के किसान सौरभ मिश्रा जी की कहानी भी आज इस नए भारत के किसानो के लिए मिसाल है

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 अभिनव पहल - विदिशा   कृषि क्रांति  प्रगतशील विदिशा जिले  के  किसान सौरभ मिश्रा जी की कहानी भी आज इस नए भारत के किसानो के लिए मिसाल है  , जब खेती के क्षेत्र में   ऐसे उत्कृस्ट किसान आयेंगे तो भारत देश की असली नीव यही किसान है जो पुरे देश को अपनी उपज से उनके पेट का लालन पालन करते है ,  सौरभ मिश्रा जी ने बताया आज से ३ से ४ साल पहले ये धान और गेंहू और दूसरे अनाज  की खेती करते थे , लेकिन बाजार भाव न मिलने से सही मुनाफा नहीं मिला , और मिश्रा जी ने खेती में कुछ  नया करने की ठानी और  जानकारी जुटा के  औसधिय खेती की और अग्रसर हुए , एक और  जहा पूरा देश कोरोना से लड़ रहा था , वहीं दूसरी ओर औसधिय खेती की शुरवात कर विदिशा जिले में नई पहचान बनाने की ओर अपनी  पहल शुरू हुई। रोचक बात तो ये है की जिस फसल की इन्होने खेती शुरू की है , उसका उपयोग कोरोना जैसी महामारी से लड़ने में सबसे ज्यादा उपयोग हो रहा है ओर इसकी मांग पूरे देश के साथ साथ विदेशो में भी है ।                                                                       ASWGANDHA ROOT  सौरभ मिश्रा जी ने प्रगति  संस्था , तथा  उद्यानिकी अधिकारी सारस्वत

सीधी मझोली ब्लॉक के चंदोहीदोल ग्राम के लक्ष्मी स्वसहायता समूह की नई पहल सराहनीय

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     सीधी -  अभिनव पहल    सीधी जिले के मझोली ब्लॉक के चंदोहिड़ोल ग्राम के अन्तर्गत आजीविका मिशन के तहत ,कुछ महिलाओ के समूह ने लक्ष्मी स्वसहायता समूह की शुरुआत हुई  , जो ग्राम के  महिलाओ के विकाश और उनके आजीविका का नया केंद्र  बनने जा रहा है। जिसमे  कमलेश साहू जी जो इस समूह के अध्य्क्ष है ,  जिसमे  महिलाओ को इस सम्मूह में जोड़कर उन्हें उन्हें धंधो के विषय के बारे में जानकारी कमलेश जी के द्वारा तथा चंद्रकांत जी जो आजीविका विभाग के ब्लॉक अधिकारी के द्वारा अवगत कराया जा रहा है ,  और प्रेरित किया जा रहा है |    जिस गांव की जो महिलाये आज तक  जो  पर्दा प्रथा में कभी बाहर नहीं आती थी वो  आज तक जिस गांव जो लाज शर्म अपने को अनपढ़ मानती थी वो अब अपने प्रयास  कुछ ने तो से हस्ताक्षर करना शुरू कर दिया है और कुछ अभी सीख रही है  और और दूसरो को भी प्रेरित कर रही है ,  अब  तो  इस समूह के समय समय पर होने वाली मीटिंग में भाग लेती है और अपने ग्राम के विकाश में क्या होना चाहिए अपने विचार रख रही है ,  जो बहुत ही सराहनीय . और आने  वाले समय में समूह का लक्ष्य पूरे गांव की  गरीब ,पिछड़ा वर्ग तथा जो जंगलो के आसपास आ

कृषि पीएचडी छात्रों को कृषि विस्वविद्यालय के रिसर्च प्रोजेक्ट में सम्मिलित किया जाये

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अभिनव पहल -  प्रगति फॉउण्डेशन  देश में जहा एक और रिसर्च की बात हो रही है वंही दूसरी ओर ये बाते केवल कागजो में सिमित होती जा रही है , एक ओर जहा पीएचडी स्टूडेंट्स को रिसर्च की केटेगरी में लाया जाता है वही दूसरी और डिपार्मेंट में आने वाले रिसर्च प्रोजेक्ट में इनको कोई मौका नहीं दिया जाता , ओर छात्रों के पास अच्छी अवसर होते हुए भी सिस्टम के कमियों के बजह से जूझना पड़ता है,  अगर पीएचडी स्टूडेंट्स को अकादमिक कोर्स के पूर्ण होने पर इनके रिसर्च के लिए अगर इनको उन्ही के डिपार्टमेंट में जो प्रोजेक्ट चल रहे है, कृषि शोध के लिए उनमे JRF , SRF में ज्वाइन करने का मौका दिया जाए तो इन्हे आगे रिसर्च वर्क में भटकना नहीं पड़ेगा और साथ ही साथ इन शोधार्थियों को जो प्रोजेक्ट SRF के STIPEND वो भी मिलेगी,   जिससे छात्र का संपूर्ण ध्यान उसके रिसर्च में रहेगा , और आर्थिक तंगी से छुटकारा के साथ साथ उसे प्रोजेक्ट के सभी कुशलता से परिचय होगा और रिसर्च में अनेक आयाम को साबित करने में मदद मिलेगी।   अभी पूरे देश में यह UGC के रूल्स के अनुसार सभी IIT , ,IIM , जैव प्रोधोगिकी रिसर्च सेण्टर, ICRISET ,NIPGR , दिल

PC नर्सरी Sidhi - की नई पहल , कोरोना आपदा से सीधी के शहर वासियो को अस्वगंधा के सेवन से , रोगप्रतिरोधक क्षमता बढाने में कारगर .

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अभिनव पहल सीधी -  जिले के प्रगतिशील कृषि उद्यमी प्रकाश शुक्ल जी  ने कोरोना से बचाव के लिए शहर वाशियो को इस आपदा में  सुरक्षित रखने के लिए अस्वगंधा के बीज,  सीधी में लोगो   निशुल्क परामर्श के साथ,कम दाम   में  प्रदान    करना शुरू कर दिया है जिससे हर कोई इस का सेवन कर सके।  ये अभिनव पहल  बहुत ही सराहनीय है जो प्रगति फाउंडेशन के सहयोग  से सीधी जिले में पहली बार हो रही है , और इस प्रयास से सीधी जिले का नाम भी औसधिय क्षेत्रो में  अग्रसर हुआ है   ,   आयुष मंत्रालय के अनुसार अगर अस्वगंधा  के पत्तियों और उसके जड़  का सेवन किया जाए तो शरीर में रोग रोधी क्षमता २ से ३ गुना विकसित  होती है,   अस्वगंधा की खेती को किसान को धान , गेंहू से ३ गुना फायदा होता है , और शहरवासी अपने गमलो घर के सामने आगन  में किचेन गार्डन   कर के इसके सेवन से  रोग मुक्त रह सकते है।  खेती के उद्देश से इसका समय सितम्बर माह से दिसंबर तक होता है,  और औसधिय उपयोग के लिए गमले में कभी भी कर सकते है,  अगर नियमित रूप से अस्वगंधा का सेवन किया जाये तो पूरे साल जो व्यक्ति के बीमारी से  दवाइयों का खर्चा है वह इस औसधिय  फसल के सेवन से बिल

21 days agribusinesses training

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