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Showing posts from 2020

sidhi मझोली ब्लॉक के पटवारी ,तहसीलदार के किये अच्छे कार्य भी भ्रस्ट कर्मचारी के बजह से हो रहे पीछे।

 अभिनव पहल  सामाज के हित के लिए शासन की योजना जो परिवार गरीब है उमके रोजी रोटी के लिए कोई नहीं है उन्हें  गरीब कल्याण आजीविका के तहत गरीबी रेखा में जोड़ा जाये और उन्हें जीवन यापन करने में  आर्थिक सहयोग मिलता है , मझोली ब्लॉक के चंदोहिड़ोल में यंहा   के हल्का पटवारी एवं तहसीलदार के सहयोग से गरीबी रेखा में जो ग्रामीण गरीब परिवार  पात्र   थे उनका सर्वे भी किया गया और लिस्ट उपतहसील मड़वास में भी भेज दिया गया पर अभी तक उन पर कोई कारवाही नहीं हुई ,  इन अधिकारी ने जो भी अच्छे  कार्य किये,  वो सब कुछ  घूसखोर  कर्मचारियों के चक्कर में पानी होता नजर आ रहा है।    यह कहानी एक ऐसे गरीब किसान की है जो ४  साल   bpl के लिए कर्मचारियों के चक्कर में पिस रहे है  चंदोहिड़ोल के ग्रामीण हिन्छलाल साहू जी जो  ६४ साल के विधुर है और उनके एक बेटा है वो भी मंदबुद्धि उम्र ४० साल ,कच्चा घर जिसमे आज तक लाइट भी नहीं लगी है ,  कोई बृद्धा पेंशन नहीं मिल रही  बार बार अधिकारी के आगमन पर भी ये  बताया   गया आप पात्र है पर अभी तक सब कागजो में ही सिमित  रहा ,   इन्होने दो से तीन बार BPL  के लिए आवेदन भी दिया पर  और  इनके आवेदन क

सीधी जिले में लक्ष्मी स्व सहायता समूह ने शुरू की गिलोय की नर्सरी

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अभिनव पहल  कृषि क्रांति  गिलोय , अमृता , अनेक नामों से जाने जाने वाली यह अद्भुत औसधि जिसे अब भारत सरकार ने राष्ट्रीय पोधा घोसित कर दिया है , और इसकी मांग देश विदेश में बहुतायत में है जिसका उपयोग रोग प्रतिरोधक दवाइयों के बनने में उपयोग होता है ,    भारत सरकार के  द्वारा   इसके प्रचार प्रसार पर  काफी  ध्यान दिया जा रहा है ,मध्य प्रदेश  के सीधी जिले में इसके  उपयोग और लाभ के बारे में जानकारी  की    शुरुवात हो गयी है  प्रगति संस्था  ने   RCFC  जबलपुर के सहयोग  से   गिलोय तथा अनेक सभी औसधिय फसल  बढ़ावा देने में मार्गदर्शन कर रह रही है   ,  जिसमे  गिलोय के के सेवन से लेकर लगाने के विधियों और उससे लाभ को दुगुना करने पर  जागरूक किया जा रहा है  सीधी जिले में  एक तरफ देखा जाये तो जिसे लोकल  भाषा   में  गुरुच भी कहा   जाता है जो बहुतायत में आस  पास के सभी क्षेत्रो में  में उपलब्ध है लेकिन इसके उपयोग  से लाभ का अर्जन अभी सिमित है।    प्रगति संस्था के सहयोग से सीधी जिले में पहली बार  मझोली ब्लॉक ग्राम चंदोहिडोल में लक्ष्मी स्वसहायता समूह को प्रेरित कर गांव गांव लोगो को इसके सेवन और आय बढाने के बारे

सीधी जिले में पहली बार शुरू हुई काले गेंहू की खेती

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अभिनव पहल  कृषि क्रांति   सीधी जिले का नाम भी अब धीरे धीरे खेती की नई तकनीक को अपनाने  में ख्याति होने लगी है , जिसमे अब यहाँ के किसान औसधिय खेती के साथ  काले गेहू की खेती शुरू कर दी है।   प्रगति संस्था के सहयोग से   काले गेंहू की खेती को बढ़ावा देने के लिए सीधी जिले के युवाओ को इसका ट्रायल मझोली ब्लॉक के ग्राम चंदोहीदोल  (कमलेश साहू ) और रेवा जिले के  युवा किसान ज्ञानेंद्र शुक्ल जी के यहाँ  लगवाया गया है ,   काले गेंहू की डिमांड पुरे देश में है इसके सेवन से शुगर, bp , अनेक रोगो से लड़ने के अभूतपूर्व क्षमता है, यह क़िस्म  NABI MG , ब्लैक गेंहू है  जिसका विकाश NABI मोहाली में रिसर्च इंस्टिट्यूट २०१० में हुआ था।   प्रगति संस्था का उदेस्य भी यही यह की किसान नई तकनीक का उपयोग करे और अपनी आय को दुगुना करे  काला_गेहूं: गुणों की खान माने जाने वाला काले गेहूं की खेती अब आप भी कर सकते हैं! आने वाले कुछ सालों में इसकी बहुत डिमांड बढ़ने वाली है काले गेहूं की रोटी और पराठे बहुत स्वादिष्ट लगते हैं,  सामान्य गेहूं के मुकाबले ज्यादा आयरन, जिंक और एंटीऑक्सीडेंट वाले इस गेहूं का बाजार मूल्य ₹3500 क्विंटल

हरियाणा के युवा किसान ने शुरू की औसधिय फसल अस्वगंधा की खेती।

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अभिनव पहल -  कृषि क्रांति देश की असली नीव कृषि ही है , और कृषि के उत्पाद को जनता तक पहुंचाने का श्रेय किसान है, जिसके बिना खेती की कल्पना कर पाना नामुमकिन है ,   ऐसी ही सफलता की कहानी जतिन्दर सिंह जी की है जो हरियाणा के युवा किसान है , जिन्होंने  अपने गांव शाहबाद  में   पारम्परिक खेती में बदलाव कर औसधिय पौधो की खेती  शुरू कर दी है , जो  आज के किसानो के लिए नई मिसाल है , ऐसे ही युवा अगर खेती की कमान संभालेंगे तो वो दिन दूर नहीं जब देश विश्व में नई कीर्तिमान रचने किसान का स्थान सर्वोपरि  होगा ,  जतिन्दर  जी  ने औसधिय फसल अस्वगंधा की खेती इस वर्ष शुरू की और जिसके सफलतम  परिणाम सामने आये है , जिमसे रावेन्द्र जी ने अब ५ से १० एकड़ में औसधिय खेती करने का निर्णय लिया  है।  सफलतम पौध की ग्रोथ आने पर बाजार से डिमांड भी इनके पास आने लगी है , जिसमे Jatindar  जी ने कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग करने का निर्णय लिया है , और अपने आस पास के किसानो को भी जागरूक करने का प्रयास करना शुरू कर  दिया , जिससे उनके साथ साथ अन्य किसानो की भी आय दुगुनी हो , जो अत्यंत ही सराहनीय है।  अस्वगंधा ऐक  औसधिय फसल है जो बाजार में

जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के कृषी शोधार्थी का GOI के Tribal- Goal 2.0 Mentor के लिए हुआ चयन ।

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अभिनव पहल -  कृषी क्रांती जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर इस कोरोना काल मे,किसानो के हित के लिए अनेक शोध कार्य हो रहे है, ओर तकनीक विकसित की जा रही  है,  जिसमे  इन  तकनीक को किसानो ओर गांव गांव तक पहुचाने मे कृषी छात्र महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है, जिससे किसानो की आय दुगनी हो ओर देश कृषी की दिशा मे आगे बढ़ता जाये,     इसी दौरान विश्वविद्यालय के कृषी शोधार्थी, विनोद साहू जी का चयन भारत सरकार के Tribal Goal - 2 . 0  के लिए Mentor के लिए चयन हुआ है, जो अत्यन्त ही हर्ष का विषय है, विनोद साहू JNKVV के बायोटेक्नोलॉजी विभाग जबलपुर, प्रथम वर्ष के (Phd scholar) शोधार्थी  छात्र है, जो  निरंतर पढ़ाई के  साथ साथ हमेशा कृषी के क्षेत्र मे अपने जिले सीधी मे  एवं  आसपास के  सभी किसानो   को जागरूक करते रहते  है, ओर अलग अलग  artical  किसानो के लिए लिखते रहते है,  ये कार्यक्रम भारत सरकार के Ministry of Tribal विभाग FACEBOOK के साथ मिलकर आदिवासी क्षेत्रो मे युवाओ को जागरूक करना है, उनके कौशल विकाश को बढ़ाना है जिससे जो क्षेत्र आज तक समय से पीछे थे उन्हे साथ लेकर आगे बढ़ना है,  जिसमे उन्हे अलग अलग IT

NRLM मझोली,जिला सीधी (आजीविका विभाग ) के सहयोग से प्रगती संस्था द्वारा ओसधिय फसल अस्वगंध खेती से लाभ ओर उसके फायदे पर जागरूक किया गया ,

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 अभिनव पहल कृषि -  जिला सीधी -  Nrlm मझोली (आजीविका विभाग ) के सहयोग से प्रगती संस्था द्वारा ओसधिय फसल  अस्वगंध  खेती को बढावा देने के लिए जागरूक किया गया ,  National medicinal plantation board  NEW DELHI  के RCFC केन्द्र  जबलपुर  से किसानो को ओसधीय  खेती को बढ़ावा देने के लिए अतुलनीय कार्य कर रही है,जिसमे RCFC केन्द्र, प्रगती संस्था के साथ मिल कर SIDHI,REWA,जबलपुर,सिंगरौली, जहा आज तक  भी ओसधिय  खेती के रुप मे अछुता रहा,  अब उनको आगे बढ़ाने मे मदद कर रही है, जो अत्यंत ही सराहनीय है, इसी विषय को लेकर संस्था द्वारा निरंतर प्रयास किया जा रहा है, ओसधीय खेती से लाभ का धंधा  बनाने के उदेस्य से मझोली आजीविका ब्लॉक अधिकारी चन्द्रकांत जी, ग्राम पंचायत  चन्दोहीडोल मे महिलाओ की आजीविका को दुगुना आय  मे बदलने के लिए उनके अथक प्रयास से लक्ष्मी स्व सहायता समूह का गठन किया गया ,  जिसमे समूह की अध्यक्षता ममता  जी  आजीविका मिशन से  जुड़ के अपने गांव की अन्य महिलाओं को भी उनकी अर्थिक सुगमता के लिए प्रेरित कर रही है,  अब यह समूह सफ़लता की नई उचाई के लिए ओसधीय खेती की ओर अग्रसर हो रहा है,  प्रगती संस्था के प्

सीधी जिले के मड़वास (चंदोहिड़ोल ) उद्यान अधीक्षक रबी भदौरिया जी की सराहनीय पहल ,

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  अभिनव पहल  सीधी - चंदोहिड़ोल ग्राम  प्रगति संस्था द्वारा कृषि क्षेत्र में अभिनव पहल कार्यक्रम के तहत अलग अलग , कृषि विभाग और उद्यानिकी विभाग के अधिकारियो से किसानो की समस्याओं के जानकारी के लिए शुरू किया गया है , जिससे उनके द्वारा किये गए कार्यो को लोगो तक पहुंचाया जाए जिससे सभी किसान इन सब जानकारियों से अवगत हो और जिसमे जमीनी लेवल पर  किसानो को उनकी समस्याओ के आधार पर उनका समाधान हो एवं आजीविका के साथ साथ दोगुना मुनाफा हो।   उद्यानिकी अधीक्षक श्री रवि सिंह भदौरिया जी ने  किसानो की असली समस्याओं के बारे में  प्रगति संस्था प्रमुख विनोद साहू जी  से साझा किया , खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए , किसानो को  खेती की ट्रेनिंग के साथ - साथ अगर उन्हें प्रसंस्करण जैम , जेली , प्यूरी , टोमेटो केचप,  ऐसे क्षेत्रो से जोड़ा जाए तो किसान को मुनाफा ज्यादा होगा , और उन्हें बाजार उपलब्धता  मिले तो किसान को दोगुना फ़ायदा होगा और वो खेती की और अग्रसर होगा।   उद्यानिकी विभाग द्वारा किसानो को  फलोद्यान योजना के तहत उनकी आजीविका को दुगना करने के लिए पौधे सभी ग्राम में भेजे गए है , और उनकी समस्याओं को कृषि तक

प्रगतशील विदिशा जिले के किसान सौरभ मिश्रा जी की कहानी भी आज इस नए भारत के किसानो के लिए मिसाल है

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 अभिनव पहल - विदिशा   कृषि क्रांति  प्रगतशील विदिशा जिले  के  किसान सौरभ मिश्रा जी की कहानी भी आज इस नए भारत के किसानो के लिए मिसाल है  , जब खेती के क्षेत्र में   ऐसे उत्कृस्ट किसान आयेंगे तो भारत देश की असली नीव यही किसान है जो पुरे देश को अपनी उपज से उनके पेट का लालन पालन करते है ,  सौरभ मिश्रा जी ने बताया आज से ३ से ४ साल पहले ये धान और गेंहू और दूसरे अनाज  की खेती करते थे , लेकिन बाजार भाव न मिलने से सही मुनाफा नहीं मिला , और मिश्रा जी ने खेती में कुछ  नया करने की ठानी और  जानकारी जुटा के  औसधिय खेती की और अग्रसर हुए , एक और  जहा पूरा देश कोरोना से लड़ रहा था , वहीं दूसरी ओर औसधिय खेती की शुरवात कर विदिशा जिले में नई पहचान बनाने की ओर अपनी  पहल शुरू हुई। रोचक बात तो ये है की जिस फसल की इन्होने खेती शुरू की है , उसका उपयोग कोरोना जैसी महामारी से लड़ने में सबसे ज्यादा उपयोग हो रहा है ओर इसकी मांग पूरे देश के साथ साथ विदेशो में भी है ।                                                                       ASWGANDHA ROOT  सौरभ मिश्रा जी ने प्रगति  संस्था , तथा  उद्यानिकी अधिकारी सारस्वत

सीधी मझोली ब्लॉक के चंदोहीदोल ग्राम के लक्ष्मी स्वसहायता समूह की नई पहल सराहनीय

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     सीधी -  अभिनव पहल    सीधी जिले के मझोली ब्लॉक के चंदोहिड़ोल ग्राम के अन्तर्गत आजीविका मिशन के तहत ,कुछ महिलाओ के समूह ने लक्ष्मी स्वसहायता समूह की शुरुआत हुई  , जो ग्राम के  महिलाओ के विकाश और उनके आजीविका का नया केंद्र  बनने जा रहा है। जिसमे  कमलेश साहू जी जो इस समूह के अध्य्क्ष है ,  जिसमे  महिलाओ को इस सम्मूह में जोड़कर उन्हें उन्हें धंधो के विषय के बारे में जानकारी कमलेश जी के द्वारा तथा चंद्रकांत जी जो आजीविका विभाग के ब्लॉक अधिकारी के द्वारा अवगत कराया जा रहा है ,  और प्रेरित किया जा रहा है |    जिस गांव की जो महिलाये आज तक  जो  पर्दा प्रथा में कभी बाहर नहीं आती थी वो  आज तक जिस गांव जो लाज शर्म अपने को अनपढ़ मानती थी वो अब अपने प्रयास  कुछ ने तो से हस्ताक्षर करना शुरू कर दिया है और कुछ अभी सीख रही है  और और दूसरो को भी प्रेरित कर रही है ,  अब  तो  इस समूह के समय समय पर होने वाली मीटिंग में भाग लेती है और अपने ग्राम के विकाश में क्या होना चाहिए अपने विचार रख रही है ,  जो बहुत ही सराहनीय . और आने  वाले समय में समूह का लक्ष्य पूरे गांव की  गरीब ,पिछड़ा वर्ग तथा जो जंगलो के आसपास आ

कृषि पीएचडी छात्रों को कृषि विस्वविद्यालय के रिसर्च प्रोजेक्ट में सम्मिलित किया जाये

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अभिनव पहल -  प्रगति फॉउण्डेशन  देश में जहा एक और रिसर्च की बात हो रही है वंही दूसरी ओर ये बाते केवल कागजो में सिमित होती जा रही है , एक ओर जहा पीएचडी स्टूडेंट्स को रिसर्च की केटेगरी में लाया जाता है वही दूसरी और डिपार्मेंट में आने वाले रिसर्च प्रोजेक्ट में इनको कोई मौका नहीं दिया जाता , ओर छात्रों के पास अच्छी अवसर होते हुए भी सिस्टम के कमियों के बजह से जूझना पड़ता है,  अगर पीएचडी स्टूडेंट्स को अकादमिक कोर्स के पूर्ण होने पर इनके रिसर्च के लिए अगर इनको उन्ही के डिपार्टमेंट में जो प्रोजेक्ट चल रहे है, कृषि शोध के लिए उनमे JRF , SRF में ज्वाइन करने का मौका दिया जाए तो इन्हे आगे रिसर्च वर्क में भटकना नहीं पड़ेगा और साथ ही साथ इन शोधार्थियों को जो प्रोजेक्ट SRF के STIPEND वो भी मिलेगी,   जिससे छात्र का संपूर्ण ध्यान उसके रिसर्च में रहेगा , और आर्थिक तंगी से छुटकारा के साथ साथ उसे प्रोजेक्ट के सभी कुशलता से परिचय होगा और रिसर्च में अनेक आयाम को साबित करने में मदद मिलेगी।   अभी पूरे देश में यह UGC के रूल्स के अनुसार सभी IIT , ,IIM , जैव प्रोधोगिकी रिसर्च सेण्टर, ICRISET ,NIPGR , दिल

PC नर्सरी Sidhi - की नई पहल , कोरोना आपदा से सीधी के शहर वासियो को अस्वगंधा के सेवन से , रोगप्रतिरोधक क्षमता बढाने में कारगर .

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अभिनव पहल सीधी -  जिले के प्रगतिशील कृषि उद्यमी प्रकाश शुक्ल जी  ने कोरोना से बचाव के लिए शहर वाशियो को इस आपदा में  सुरक्षित रखने के लिए अस्वगंधा के बीज,  सीधी में लोगो   निशुल्क परामर्श के साथ,कम दाम   में  प्रदान    करना शुरू कर दिया है जिससे हर कोई इस का सेवन कर सके।  ये अभिनव पहल  बहुत ही सराहनीय है जो प्रगति फाउंडेशन के सहयोग  से सीधी जिले में पहली बार हो रही है , और इस प्रयास से सीधी जिले का नाम भी औसधिय क्षेत्रो में  अग्रसर हुआ है   ,   आयुष मंत्रालय के अनुसार अगर अस्वगंधा  के पत्तियों और उसके जड़  का सेवन किया जाए तो शरीर में रोग रोधी क्षमता २ से ३ गुना विकसित  होती है,   अस्वगंधा की खेती को किसान को धान , गेंहू से ३ गुना फायदा होता है , और शहरवासी अपने गमलो घर के सामने आगन  में किचेन गार्डन   कर के इसके सेवन से  रोग मुक्त रह सकते है।  खेती के उद्देश से इसका समय सितम्बर माह से दिसंबर तक होता है,  और औसधिय उपयोग के लिए गमले में कभी भी कर सकते है,  अगर नियमित रूप से अस्वगंधा का सेवन किया जाये तो पूरे साल जो व्यक्ति के बीमारी से  दवाइयों का खर्चा है वह इस औसधिय  फसल के सेवन से बिल

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